श्री बृज मोहन श्रीवास्तव जी ने जिस प्रकार व्याख्यात्मक टिप्पणी करी है उसने भी मुझे रोमांचित किया है।
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स्थानीय निधि लेखा परीक्षा वि भाग उ०प्र० इलाहाबाद वार्षिक तकनीकी निरीक्षण प्रतिवेदन वर्ष 200809 पर व्याख्यात्मक टिप्पणी उपलब्ध कराये जाने के संबंध में।
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प्रियंका ने यह सब कुछ यूथ पाठशाला के अगस्त अंक में लिखा........................इन पंक्तियों पर व्याख्यात्मक टिप्पणी करने की मेरी हार्दिक इच्क्षा थी परन्तु नहीं कर सकता हूँ, “विचार बहुत हैं परन्तु व्यक्त करने का दायरा सीमित”!
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कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए डा 0 अनीस अंसारी ने बताया कि इसमें लखनऊ विचारधारा के शायरों पर विशेष रूप से व्याख्यात्मक टिप्पणी तैयार की जाएगी, जिसके लिए स्थानीय और बाहर के विद्वान, बुद्धिजीवी, प्रोफेसर और शोधकर्ता शामिल होंगे।